सरफरोस


सरफरोस

सरफरोस तमन्ना उठ् कर चले थे हम
कोही पेहेचानना पाए ना अच्छा इन्सान ना वनसके
पूरा भारत रेल्वे पर सवार थी वो
नजर ना लुटा किसिने उसका 
आग ए टि।टि। जवरजस्त भाडेके ३५०÷५०० बच्चा था 
९ दिनके शफर मे वो थकि नेपालगञ्ज पहुँची रास्ते मे भुतनीके
और लौट चली विरगंज लखनउ, हरिद्वार तौक पहुँची और 
मिष्ठी और रवडी खाकर लौट चली जनकपुरी और पहुँची काठमाडौं
टाँग लडाके ।

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